ख़याल करना...

ख़याल करना बहुत ज़रूरी है मिस्टर अवस्थी
इसमे इलाज की शक्ति है...
एक मरहम है जिस से दर्द मिटता है,
बच्चे को तस्सली हो जाती है की उसका कोई ख़याल करता है,
एक आध झप्पी, प्यार भरी पपपी...
ये दिखाने को की मैं ख़याल करता हूँ,
बेटा मैं तुम से प्यार करता हूँ,
अगर कोई फ़िक्र है तो मेरे पास आओ,
क्या हुआ जो तुम फिसले गलती हुई,
मैं हूँ ना...
ये दिलासा...
ख़याल करना... ख़याल करना इसी को कहते हैं न मिस्टर अवस्थी?
- तारे ज़मीन पर

तरुण चंदेल
ज़िंदगी, सीख और टेक्नोलॉजी
F: Subscribe in a reader E: Subscribe via email. If you're new here, you may want to get the latest updates in your RSS reader or in your email inbox. Thanks for visiting iThink... Tarun Chandel's Thoughts!

0 comments:

Post a Comment

Note: Only a member of this blog may post a comment.