ज़र्रे ज़र्रे में उसी का नूर है ...
झाँक खुद में वो ना तुझसे दूर है |
इश्क है उससे तो सबसे इश्क कर...
इश्क है उससे तो सबसे इश्क कर ...
इस इबादत का यही दस्तूर है |
इस में उस में और उस में है वोही ...
इस में उस में और उस में है वोही ...
यार मेरा हर तरफ भरपूर है |
- दिल्ली ६
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